प्रीत
ओ तरेगन
जाहि तरेगन सँ
सेहो मध्यगाम मे
प्रश्नचिन्ह सँअ से
तोहर संस्कार सुनरकी
मेटल काहे इतिहास मे
देह मुक्ति द्वार से
हमार जिनगी
प्रश्नचिन्ह हमर हामर के
मीठ बोल मधुर मैथिली से
जाहि व्याकरणाचार्य मे
दुलहिन मँय तोरे गामक
नै अहाँ आ तोहर भँवरमे
छोहि देले माधवदेस से
नाममि विदेह एहि देसमे
नारि प्रधान समाज से
विश्व इतिहास की जय
जनक जन्नत जातक उग
प्रश्नचिह्न ईश्वर भगवान के
मुस्लिम मँय तोरे गामक
प्राचीन मिथिला वैशाली
अंतर विचार मानुस तन
दुलहिन हँय तोरे गामक
अंतर सनात आओर सनाते
जाहि मानव इतिहास के
जेहि दीयाबाती पावन मे
इतिहास विदिहे समाज से
जे मानव छी है इतिहास
बुद्ध महावीर आ भगवान
वेदान्त ज्ञाता विग्रह गाव मे
प्रश्नचिन्ह दानव देवालय के
देस सापित मिथिला वन मे
बुध्य बौध्द अंतर मन से
विदेहि विलाप नहि भेल
तौं आ तोहर अंतर मे
तीरे जो तोरे देस
मुख्य विध मुअल मुसलमान
मिथिला इतिहास की
समाद आओर समाज मे
अंतर देवि अतह गामक
अंतर गाम बहुते मंतर
विश्व इतिहास मे
रामायण आ बौद्ध के
हरि अहि मे
मानस मिथिला
वन देवी जय विदेस
कतअ तोर इतिहास
जननी सीया संग
नारि मंन्त मिथिला मे
तिरे मोरे देस मे
साँच अबह आ वेद मे
कुरान आ पुरान से
जादू तोर नैना
जादु लागैए अहि मे
नजरि से अंजुरि मे
अंतर्गत जखने मानव
सिंध लोक चीन मे
बाध्य बौध्द इतिहास की
नहि देखल की हमरा छोडि
मानव तन जे जनके माधव
विदेह आ विदेह अंतर मे
नारी तोरि जो हतिहास
जयति जन्नतिमे मिथिला पावन
देस मोरि बहुते अंतर की
वन देस समदिया साँझ
मिथिला इतिहास की
जय मिथिला
विश्व इतिहास जय तोरि
मिथिला आ महिला मे
मैथिली मिथिला इतिहास मे
पहिल अहि सांझ मे
महिला आ दानव के
मुलुक मालिक किछ धियाने
तिरहुत देस से
जरित माँ मानब
सब अपन लोक
अति सुन्दर अछि
प्रश्न चिह्न उठैत मथिले देस सँ
हिन्न आ मुन्न मे
मुलताने मैथिली रंगमंचक
हिन्दु आओर मुसलमाने नाते
छौडि़ मोरी देस के
झाट आ जाट मे
भगवती देस से!!
———————–श्रीहर्ष