प्रीत ने है, बिगाड़ा हुलिया l
प्रीत ने है, बिगाड़ा हुलिया l
घुमा घुमा कर, तेरी गलियाँ ll
बहें निगाहें, दिल में आहें l
और कितना, छलेगा छलिया ll
अरविन्द व्यास ” प्यास “
प्रीत ने है, बिगाड़ा हुलिया l
घुमा घुमा कर, तेरी गलियाँ ll
बहें निगाहें, दिल में आहें l
और कितना, छलेगा छलिया ll
अरविन्द व्यास ” प्यास “