प्रीत का है, द्वार खोला l
प्रीत का है, द्वार खोला l
है, लाल गुलाब कबूला ll
प्यास, अबके जमाने में l
प्रीत, पानी का बुलबुला ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
प्रीत का है, द्वार खोला l
है, लाल गुलाब कबूला ll
प्यास, अबके जमाने में l
प्रीत, पानी का बुलबुला ll
अरविन्द व्यास “प्यास”