प्रीति की राह पर बढ़ चले जो कदम।
प्रीति की राह पर बढ़ चले जो कदम।
बिन कहे बस मिले जा रहे एकदम।
मौन मुस्कान है देखिए खिल रही।
चाहते जोश में हो रही हैं न कम।
~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ११/११/२०२३
प्रीति की राह पर बढ़ चले जो कदम।
बिन कहे बस मिले जा रहे एकदम।
मौन मुस्कान है देखिए खिल रही।
चाहते जोश में हो रही हैं न कम।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ११/११/२०२३