प्रिय आँसू तुम्हारे बिना ये आँखें, जैसे सूखी धरती की प्यास,त
प्रिय आँसू तुम्हारे बिना ये आँखें, जैसे सूखी धरती की प्यास,तुम्हारे संग जीवन जैसे नदियां की धार ।
हर खुशी में झलकते हो तुम, हर दुःख में बहे जाते,
जीवन के हर मोड़ पर, तुम साथ ही चले आते हो।
“ऋतु राज”जब दिल की वेदना, शब्दों में न उतर पाए,
तुम्हारी नमी से ही, हर दर्द साकार हो जाए।
तुम सच्चे साथी हो, हर भाव को समझते हो,
चुपचाप बह कर भी, दिल का बोझ हल्का कर देते हो।
आँखों के कोने में तुम्हारा वास, जैसे गहरी नदियों का जल,
तुम्हारी उपस्थिति में, हर दर्द हो जाता है हल।
प्रिय आँसू, तुम रहना सदा साथ,
तुमसे ही है, मेरी हर भावना का सार….!!!!
🌼ऋतु राज🌹🌹