प्रिये आने वाले है
मुस्कराती फडकती चितवनें दे रही संकेत , अलि क्या प्रिय आने वाले है ?
सिन्धु मन का उद्दाम वेग से उमडे , अलि क्या प्रिय आने वाले है ?
ज्यों छूती रवि रश्मि अवनि को , त्यों छुए स्वप्न निमिष पलकों को
जब दामिनी दमकै घन में , सतरंगी उजास दे अंग प्रत्यंगो को
ये संकेतक कर रहे है इंगित , अलि क्या प्रिय आने वाले है
मुस्कराती फडकती चितवनें दे रही संकेत , अलि क्या प्रिय आने वाले है ?
जब चलती हो मन्द समीर , मन को करती हो शीतल हर्षित
जब चंद्र की चंचले किरणें , क्रीडा करती हो वसुधा पर
देती है संदेश हुलसित हो कर , अलि प्रिय आने वाले है
मुस्कराती फडकती चितवनें दे रही संकेत , अलि क्या प्रिय आने वाले है ?