प्रार्थना(हनुमान जी)
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रघुनन्दन को अतिशय प्यारे।
राम भक्त हनुमान हमारे।।
तुम ही व्यथा हमारी जानो।
भक्ति भाव सदा पहचानो।।
मंगल भवन अमंगल हारी।
कष्ट हरें यह सबके भारी।।
राम नाम नित लेने वाले।
हनुमत ही सबके रखवाले।।
बजरंगी को हम-सब मानें।
ज्ञान सरोवर इनको जानें।।
पवन पुत्र पावन श्री नामा।
मन-मंदिर में बैठे रामा।।
चरण कमल इनके सुखदाई।
करते प्रभु जी सदा भलाई।।
दुष्ट दलन करते हनुमाना।
धीर-धुरंधर हैं बलवाना।।
अजर-अमर हैं सुख के धामा।
अंग लंगोटी केवल जामा।।
मातु सिया का पता लगाए।
लक्ष्मण जी के प्राण बचाए।।
सुनिए विनती नाथ हमारी।
कृपा चाहती दास तुम्हारी।।
एक मात्र हैं आप सहारे।
हमें लगाएं सदा किनारे।।
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@स्वरचित व मौलिक
शालिनी राय ‘डिम्पल’🖊️