*प्रस्तुत हैं मेरी स्वरचित 6 सूक्तियाँ (कोट्स)
*प्रस्तुत हैं मेरी स्वरचित 6 सूक्तियाँ (कोट्स)
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(1) कई बार समस्याओं को सुलझाने का सबसे उचित तरीका यह होता है कि उन्हें सुलझाना बंद कर दिया जाए ।
(2) जमाने की परवाह मत करो । पहले कदम पर तुम्हें उपहास के सिवाय कुछ नहीं मिलेगा ।
(3) कुएँ का सर्वश्रेष्ठ मेंढक तो कोई भी बन सकता है । प्रश्न तो महासागर के संघर्षों में आगे निकलने का है ।
(4) मैं जितना सीखता जा रहा हूँ , उतना ही अपनी अज्ञानता का गहरा बोध हो रहा है।
(5) तुम्हें सिर्फ एक शपथ लेनी है कि सदा सत्य बोलोगे । फिर देखोगे कि तुम्हारी जिंदगी खुद बदल जाएगी ।
(6) अक्ल ठोकर खाकर आती है , सूक्तियाँ पढ़कर नहीं।
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लेखक : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615 451