तीर तुक्के
तीर तुक्के
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चल वैजयंती
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अब अकेला
दौड़ रहा हूँ
कल तक मेरे
साथ बहुत से
लोग दौड़ते थे
कुछ हांफ गये
कुछ कांप गये।।
चल वैजयंती….!
नई सोच
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घर का झगड़ा
क्यों घर में रखूं
दुनिया को पता
लगना चाहिए
घर में झगड़ा
क्यों हुआ ?
3
नया दौर
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पार्टियों में
आते जाते
रहिये
क्या पता
कल हों न हों।
( पार्टी यानी दावत यानी दल)
सूर्यकान्त