प्रश्नों का अंबार
मन में भर कर मत रखें, प्रश्नों का अंबार।
धीरे धीरे से सुलग, बनता है अंगार।।
मन में जितने प्रश्न हैं, उस पर करो विचार।
उचित समय पर बोल दो, तभी बढ़ेगा प्यार।।
कभी नहीं रखना सखी, मन में प्रश्न हजार।
ज्वार बढ़ेगा जिस समय, होगा तब तकरार।।
प्रश्न चिन्ह होता नहीं, जहाँ भरा हो प्यार।
बात.बात पर फिर नहीं होता है तकरार।।
-लक्ष्मी सिंह