*प्रभु नाम से जी को चुराते रहे (घनाक्षरी)*
प्रभु नाम से जी को चुराते रहे (घनाक्षरी)
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मूरख वे धन को सुरक्षित रख
जीवन-भर चॅंवर ढुलाते रहे
मूरख वे भूमि समझ अपनी
अधिकार के पत्र बढ़ाते रहे
मूरख वे तन को अमृत समझे
सौंदर्य-श्रंगार सजाते रहे
मूरख वे जो न समझ पाए
प्रभु नाम से जी को चुराते रहे
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9961 5451