प्रभु जी हम पछताए (भक्ति-गीत)
प्रभु जी हम पछताए (भक्ति-गीत)
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तुमसे प्यार-मोहब्बत करके प्रभु जी हम पछताए
पूछ रही है दुनिया किससे कहो नयन मटकाए
(1)
हम भोले-नादान तुम्हारा नाम न अब तक जाना
हमें नहीं मालूम तुम्हारा क्या है पता-ठिकाना
अब तक चेहरा कभी तुम्हारा देख नहीं हम पाए
तुमसे प्यार-मौहब्बत करके प्रभु जी हम पछताए
(2)
आओ कभी गवाही दे दो दुनिया को समझाओ
तुमसे प्यार हमारा आकर दुनिया को बतलाओ
गीत तुम्हारे लिए लिखे हैं भजन तुम्हारे गाए
तुमसे प्यार-मोहब्बत करके प्रभु जी हम पछताए
(3)
झूठमूठ सब इस दुनिया में भजन तुम्हारे गाते
सबको पता बुलाने से तुम कभी नहीं हो आते
नहीं मानते लोग बुलाने से तुम मेरे आए
तुमसे प्यार-मोहब्बत करके प्रभु जी हम पछताए
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451