प्रभु की शरण पाता है
हम सभी टाइम पास करते रहते हैं। बस एक दूसरे में बुराई ढूंढते रहते हैं। जिंदगी तुम नहीं जिंदगी तुम्हें जीती है। कर्म तुम्हें मालूम नहीं धर्म तुम्हें मालूम नहीं। हमेशा खेल खेल में जीते रहते हो। महत्व नहीं जिंदगी का तुम कुछ समझते हो। अचानक मिली वस्तु का तुम मूल करते हो। समय जाने के बाद समय वापस नहीं आता है। इतना भी अगर समझ गया तब प्रभु की शरण पाता है।