प्रधानी का चुनाव
(तर्ज)
साजन मेरा उस पार है
मिलने को दिल बेकरार है
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
गाँव में आया प्रधानी का चुनाव है
प्रधान सब काम करने को तैयार हैं
प्रधान जी प्रधानी लड़ने को तैयार है
प्रधान अब सबसे मिलने को तैयार है
गाँव में आया प्रधानी का चुनाव है
अब काम,,,,,,,, करने को तैयार हैं
शेर। काम के वक्त को नजर नहीं आता
मेरी गरीबी उनके मन नहीं भाता
मेरा कोई काम नहीं होता।
क्योंकि, उनके लिए मैं दान नहीं लाता
पांच वर्षों से जो नजर न आए हैं
अब वो हर द्वार नजर आएंगे
न जाने क्या वादे कर जाएंगे
जीतने पर फिर नजर न आएंगे
गाँव में प्रधानी का चुनाव है
अब काम,,,,,,,,, करने को तैयार है
मिलेंगे प्यार अपना दिखाएंगे
कहते हैं सब काम करवाएंगे
जीतेंगे और खुशियां मनाएंगे
नजर दुबारा नहीं वो आएंगे
गाँव में प्रधानी का चुनाव है
अब काम,,,,,,,, करने कोतैयार हैं
आई अगर कालोनी पैसा मांगेंगे
बैंक साथ मेरे जाएंगे
बाथरूम बनने की दरकार है
आई पैसा कमाने की बहार है
गाँव में प्रधानी का चुनाव है
अब काम,,,,,,, करने कोतैयार हैं
जीतने पर हम घर मिलने जाएंगे
रहेंगे अंदर बाहर न आएंगे
प्रधानों का ऐसा ही व्यावहार है
इनसे तो मिलना ही बेकार है
गाँव में प्रधानी चुनाव है
अब काम,,,,,,,,,,,, करने को तैयार हैं
संजय कुमार✍️✍️