प्रधानमंत्री जी ने ‘आयुष्मान भारत ‘ का झुनझुना थमा दिया “
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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कैसी परियोजना …कैसी उद्घोषणा रह -रह कर हमारे देश के प्रधान सेवक कर रहे हैं ? १० करोड़ परिवारों को पांच लाख रुपये का स्वास्थ बीमा मिलेगा ! हम तो ख़ुशी से नाचने लगे ! इन परियोजना को झारखण्ड के विभिन्य प्रान्तों में प्रचार के लिए करोड़ों -करोड़ों रूपये पानी के तरह वहाये गये ! भारत ही नहीं विश्व में यह बात मिडिया भक्तों ने जम कर फैला दी ! पर बात वहीं जा कर रुक जाती है कि इसके लिए प्रधानमंत्री ने अब तक एक नया पैसा भी आवंटित नहीं किया है ! इस “आयुष्मान भारत “के लिए इस साल का बजट है 2,000 करोड़. 2,000 करोड़ में से क़रीब-क़रीब 1,000 करोड़ राष्ट्रीय स्वस्थ्य बीमा योजना का पैसा है जो पहले भी था और अब भी है और बाक़ी जो 1,000 करोड़ है वो कथित तौर पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए रखा गया है, यानी लगभग 80,000 रुपए प्रति सेंटर ! आप समझ सकते हैं कि इतने में कितना काम हो सकता है ! विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकलन से पता चलता है कि भारत में हरेक साल स्वास्थ्य खर्चों से ५ करोड़ लोग गरीब होते जा रहे हैं ! १९५ देशों में अपना भारत १४५ वें स्थान पर झूल रहा है ! समस्त जी ० डी ० पी ० का १.२५% ही भारत में खर्च किया जाता है ..अफ़ग़ानिस्तान ८.२%..नेपाल ५.८%…मालदीव १३.७ % तो हमसे आगे निकल चुके हैं ! भारत में अभी भी १४ लाख डॉक्टरों की कमी है और हमारे ८० % लोग मेडिकल सुविधाओं से बंचित हैं ! कितना अच्छा होता यदि स्वास्थ सेवाओं को सुधारा जाता ! यह तो बात सिर्फ हमें बेवकूफ बनाने की है …चलो २०१९ तक ‘झुनझुना बजाते रहो !
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डॉ लक्ष्मण झा परिमल
दुमका