प्रद्त छन्द- वासन्ती (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गागागा गागाल, ललल गागागा गागा। (14 वर्ण) अंकावली- 222 221, 111 222 22. पिंगल सूत्र- मगण तगण नगण मगण गुरु गुरु।
प्यारा कान्हा पास मुरलिया लागे प्यारी।
भाये आठों याम सँवरिया लीला न्यारी।।
कोरा कोरा व्योम बिजुरिया छाई मेघा।
नीले नीले नैन गुजरिया भूली चेता।।
हे री! कान्हा मीत प्रणय डोरी से खींचे।
गोरी गाये गीत हृदय पोरी से सींचे।।
खेलें श्यामा फाग चुनरिया चोली भीजे।
छेड़े मीठे गीत बँसुरिया न्यारी रीझे।।
नीलम शर्मा ✍️