*”प्रतीक्षा”*
प्रतीक्षा करती राह देखती ,
धैर्य संयम तपस्या करती ,
झूठे बेर खिलाकर के ,
मुदित मन राम को भाती ।
जय श्री राम जय जय सिया राम।?
प्रतीक्षा करती राह देखती ,
धैर्य संयम तपस्या करती ,
झूठे बेर खिलाकर के ,
मुदित मन राम को भाती ।
जय श्री राम जय जय सिया राम।?