प्रतियोगी परीक्षाओं का भार
बागोड़ा तहसील के ग्राम पंचायत नवापुरा धवेचा के युवा कवि शंकर आँजणा का कहना है कि असल में विद्यार्थी सिर्फ परीक्षा के दो महीने पहले अधिक मेहनत करते हैं और वही विद्यार्थी यदि शुरुआत से मेहनत करता है तो उनके मेहनत का रंग अवश्य दिखता है। इस समय कोरोना महामारी बीमारी की वजह से ये पीक समय तीसरी बार प्रतियोगी परीक्षाओ का आ चुका है। तो शरीर का कॉर्टिसोल लेवल बढ़ जाता है जिससे स्टे्स लेवल बढ़ जाता हैं।और हार्ट और आर्टरी को प्रभावित करता है इन छः महीने में विद्यार्थियों को तीन बार स्टेस देना चाहिए। इसके किसी को दोषी नही माना जा सकता है पर यह जरूरी है। क्योंकि विद्यार्थियों को समय को पहचाना चाहिए यदि हमने समय को नही पहचाना तो समय हमें अवश्य पहचान लेगा। और विद्यार्थि को यदि तनाव जितना दूर रह सके उतना दूर ही रहना चाहिए।क्योंकि हमारे भविष्य के लिए अच्छा रहता है।और हमे इस महामारी में भी घर पर रहकर पढ़ाई अपनी जारी रखनी चाहिए क्योकि आजकल लोग सपोर्ट कम करते हैं और गिराने की ज्यादा सोचते हैं इसलिए हमें यह नही सोचना चाहिए कि हम प्रमोट हो जाएंगे हमे सिर्फ यह ही सोचना चाहिए हमारे बस कल ही परीक्षा है जो ऑनलाइन क्लास ले रहे और जो ऑनलाइन पढा रहे हैं उनसे निवेदन करते हैं कि हमे ऑनलाइन क्लास के साथ योग व मेडिटेंशन की क्लास भी लगानी चाहिए ताकि वे रिलैक्स होकर अपने आप को शांत रख सके। और पढाई बिना जीवन अधूरा है हमारा क्योकि पढ़ने का समय अब ही है।इसलिए हमारा पूरा ध्यान दोस्तों पढाई पर ही होना चाहिए ।
शंकर आँजणा नवापुरा धवेचा
बागोड़ा जालोर