प्रतिभाशाली बाल कवयित्री *सुकृति अग्रवाल* को ध्यान लगाते हुए
प्रतिभाशाली बाल कवयित्री सुकृति अग्रवाल को ध्यान लगाते हुए देखा तो हृदय आनंद से भर उठा। एक कुंडलिया शुभकामनाओं सहित प्रस्तुत है :-
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पाते प्रभु को ध्यान में, भीतर से हो मौन (कुंडलिया)
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पाते प्रभु को ध्यान में, भीतर से हो मौन
जन्म-जन्म के पुण्य से, पता चला मैं कौन
पता चला मैं कौन, परे जब जग से जाते
साधक ध्यान-निमग्न, आत्म का पता लगाते
कहते रवि कविराय, विलक्षण अनुभव आते
शतदल कमल सुषुप्त, जागते खुलते पाते
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615 451