Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Nov 2021 · 2 min read

प्रतिगीत

गीत तर्ज …हमने देखी है इन आँखों की ..
प्रतिगीत …सृजन

प्रतिगीत …
हम ने देखी हैं तेरे दिल से निकलती आरज़ू,
ख़ुद ही छूके इसे आँखों से असकाम न दो
सिर्फ इबादत है दिल से इसे महसूस करो,
प्रीत को प्रीत ही कहने दो कोई दाम न दो
हम ने देखी हैं…..

ख़्याल कोई गैर नही, ख़्याल परवाज़ नहीं,
एक मदहोशी है डरती है ,तब तो करती है,
ना ये रहती है ना कहती है ना डराती है कहीं,
ओस की बूँद है, गुलशन में मिला करती है
सिर्फ इबादत है दिल से इसे महसूस करो,
प्रीत को प्रीत ही कहने दो कोई नाम न दो
हम ने देखी हैं…..

झिलमिलाहट सी लगी रहती है बातों में कही,
और अश्कों के हवाले से छुपे रहते है,
तुम कुछ समझते नहीं, धड़कता दिल है मगर,
कितने मायूस है परवाने झुके रहते है,
सिर्फ इबादत है दिल से इसे महसूस करो,
प्रीत को प्रीत ही कहने दो कोई दाम न दो
हम ने देखी हैं…..

हमने देखी हैं रूह में उतरती नजरें,
ठिठुरती रात तुमने छुआ था मुझको।
उच्छवासों के उन्वान पे रची थी कविता
अपने पहलू में तुमने लिया था मुझको।
सिर्फ इबादत है इसे ,दिल से महसूस करो
प्रीत को प्रीत ही रहने दो कोई दाम न दो।।

दूर रहना ही अगर गवारा था तुझको
गीत चाहत के वो सुनाये क्यों थे।
तेरी खामोशी को कैसे समझें हम
मौन हो कर अश्क वो बहाये क्यों थे।
सिर्फ इबादत है इसे दिल से महसूस करो
प्रीत को प्रीत ही रहने दो कोई दाम न दो।।

#असकाम –बददुआ

मनोरमा जैन पाखी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 359 Views

You may also like these posts

■ करोगे हड़बड़ तो होगी गड़बड़।।
■ करोगे हड़बड़ तो होगी गड़बड़।।
*प्रणय*
निराला का मुक्त छंद
निराला का मुक्त छंद
Shweta Soni
बेरहमी
बेरहमी
Dr. Kishan tandon kranti
अल्फाजों रूह मेरी,
अल्फाजों रूह मेरी,
हिमांशु Kulshrestha
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
रमेशराज के 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में 7 बालगीत
रमेशराज के 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में 7 बालगीत
कवि रमेशराज
विनम्र भाव सभी के लिए मन में सदैव हो,पर घनिष्ठता सीमित व्यक्
विनम्र भाव सभी के लिए मन में सदैव हो,पर घनिष्ठता सीमित व्यक्
Paras Nath Jha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Dr. Sunita Singh
गाय
गाय
Vedha Singh
10. Fatherly Throes
10. Fatherly Throes
Ahtesham Ahmad
बेरोजगार युवा
बेरोजगार युवा
Durgesh Bhatt
अल्प इस जीवन में
अल्प इस जीवन में
Dr fauzia Naseem shad
हमसे कर ले कुछ तो बात.. दिसंबर में,
हमसे कर ले कुछ तो बात.. दिसंबर में,
पंकज परिंदा
अनमोल वचन
अनमोल वचन
Jitendra Chhonkar
तुम्हारी आंखें
तुम्हारी आंखें
Jyoti Roshni
बेनाम रिश्ते .....
बेनाम रिश्ते .....
sushil sarna
जिसको दिल में जगह देना मुश्किल बहुत।
जिसको दिल में जगह देना मुश्किल बहुत।
सत्य कुमार प्रेमी
जिन बातों को सह गए,हम  पाने को चैन
जिन बातों को सह गए,हम पाने को चैन
Dr Archana Gupta
ज़िंदगी  ऐसी  जियो , ज़िंदा रहो  चहको सदा ,
ज़िंदगी ऐसी जियो , ज़िंदा रहो चहको सदा ,
Neelofar Khan
#मेरा अनुभव आपके साथ#
#मेरा अनुभव आपके साथ#
कृष्णकांत गुर्जर
*सब कर्म हमारे देख रहा, वह नीली छतरी वाला है (राधेश्यामी छंद
*सब कर्म हमारे देख रहा, वह नीली छतरी वाला है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
हस्ती
हस्ती
Shyam Sundar Subramanian
गांव गाय अरु घास बचाओ !
गांव गाय अरु घास बचाओ !
Anil Kumar Mishra
भारत का अतीत
भारत का अतीत
Anup kanheri
हम भी कैसे....
हम भी कैसे....
Laxmi Narayan Gupta
V9Bet là sân chơi cá cược thu hút được đông đảo cược thủ tha
V9Bet là sân chơi cá cược thu hút được đông đảo cược thủ tha
V9bet
जैसे-तैसे
जैसे-तैसे
Dr. Bharati Varma Bourai
बहुत पढ़ी थी जिंदगी में
बहुत पढ़ी थी जिंदगी में
VINOD CHAUHAN
आपको सुसाइड नही डिसाइड करना है लोग क्या कह रहे है इस बात को
आपको सुसाइड नही डिसाइड करना है लोग क्या कह रहे है इस बात को
Rj Anand Prajapati
दिल का भी क्या कसूर है
दिल का भी क्या कसूर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...