Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2024 · 1 min read

प्रणय

प्रणय (शुभांगी छंद)

इजहार करो,स्वीकार करो,मेरे प्यारे,अति प्रियमय।
आकार धरो,अति स्नेह भरो,मन क्लेश हरो,प्रिय शिवमय।

प्रणय समय है,मधुर मलय है,हृदय मिलन है,सुखकारी।
सुखद उभय द्वय,स्नेह सघन नव,शुभद मदन मति,प्रियकारी।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 104 Views

You may also like these posts

“ख़्वाहिशों का क़ाफ़िला  गुजरता अनेक गलियों से ,
“ख़्वाहिशों का क़ाफ़िला गुजरता अनेक गलियों से ,
Neeraj kumar Soni
Freedom
Freedom
Shyam Sundar Subramanian
सारे  ज़माने  बीत  गये
सारे ज़माने बीत गये
shabina. Naaz
तो कुछ और बात होती
तो कुछ और बात होती
Jyoti Roshni
विनम्रता और सम्मान के आगे विरोधी भी नतमस्तक हो जाते है।
विनम्रता और सम्मान के आगे विरोधी भी नतमस्तक हो जाते है।
Rj Anand Prajapati
🤔🤔🤔
🤔🤔🤔
शेखर सिंह
गम एक जहर है ,फिर भी पिए जाती हूँ ।
गम एक जहर है ,फिर भी पिए जाती हूँ ।
TAMANNA BILASPURI
चलो ये नया साल ऐसे मनायें
चलो ये नया साल ऐसे मनायें
Dr Archana Gupta
"बदबू"
Dr. Kishan tandon kranti
सत्य क्या है
सत्य क्या है
Minal Aggarwal
मेरे  जीवन की  कमी हो  तुम
मेरे जीवन की कमी हो तुम
Sonam Puneet Dubey
बहुत खूबसूरत सुबह हो गई है।
बहुत खूबसूरत सुबह हो गई है।
surenderpal vaidya
नानी का गांव
नानी का गांव
साहित्य गौरव
*लंक-लचीली लोभती रहे*
*लंक-लचीली लोभती रहे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हाँ !भाई हाँ मैं मुखिया हूँ
हाँ !भाई हाँ मैं मुखिया हूँ
SATPAL CHAUHAN
😢
😢
*प्रणय*
എന്റെ കണ്ണൻ
എന്റെ കണ്ണൻ
Heera S
*वसुधैव समन्वयक गॉंधी*
*वसुधैव समन्वयक गॉंधी*
Ravi Prakash
मोहब्बत का यहाँ पर वो फ़साना छोड़ जाता है
मोहब्बत का यहाँ पर वो फ़साना छोड़ जाता है
अंसार एटवी
कुआँ
कुआँ
Dr. Vaishali Verma
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
Buddha Prakash
_कामयाबी_
_कामयाबी_
Ritu chahar
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अक्सर यूं कहते हैं लोग
अक्सर यूं कहते हैं लोग
Harminder Kaur
पुतले सारे काठ के,
पुतले सारे काठ के,
sushil sarna
दशमेश पिता, गोविंद गुरु
दशमेश पिता, गोविंद गुरु
Satish Srijan
प्यार की खोज में
प्यार की खोज में
Shutisha Rajput
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
कवि रमेशराज
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2863.*पूर्णिका*
2863.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...