प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
रानी प्रकृति का रूप निराली है
आस्था विश्वास चमत्कारी भण्डार
प्रकृति धन्यवाद का पर्व षष्ठी छठ
सूर्य अराधना का रूप अनोखा
सेवा पूजा की थाली भरी प्रकृति
प्रदत हल्दी केला फहसुन गाजर
मूली नारियल ईख जो चाहें वही
..टी.पी. तरुण