प्रकृति की ओर
खिले खिले यह फूल है , प्यारे से अनमोल।
हर पल लगता सुखद है, सुंदर यह माहौल।।
पवन सुगंधित नित बहे, गुंजन करता भृंग।
देखों सुंदर यह धरा, बिखरे है नवरंग।।
माटी की सोंधी महक, भरे भरे से ताल।
नभ में गर्जत मेघ है, यहां सभी खुशहाल।।
चिड़ियों की प्यारी चहक, और नाचते मोर।
पेड़ो पर पत्ते हरे, सुहावनी है भोर।।
आओ मिलकर हम सभी,चले प्रकृति की ओर।
घर से बाहर निकलकर, देखें सुंदर भोर।।
——– जेपीएल