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8 Jun 2023 · 2 min read

प्रकृति और मानव के बीच बिगड़ते संबंध

मानव जीवन की पूरक का संपूर्ण सृष्टि के संदिग्ध में हैं मनुष्य और प्रकृति एक दूसरे के पूर्णता के माध्यम से संसार के संदर्भ में अभिवृद्धि करते हैं परंतु जिस प्रकृति को संदिग्ध कहा जाता है उसी का दिन प्रतिदिन दोहन किया जा रहा है पशुओं और मानव के बीच एक दीवार से खड़ी हो गई है जिस वन्य जीवो के माध्यम से यह माना जाता है की प्रकृति का संतुलन चलता है l उन्हीं जीवो को मनोरंजन बनाया जा रहा है एक बार लेखिका को कुछ ऐसा देखने को मिला जिसके उसने कभी कल्पना भी ना की थी लेखिका की परीक्षा चल रही थी l जिसके कारण वह स्वयं अध्ययन के लिए घर से दूर जाया करती तब उसने देखा कि एक किसान जो कि 60 से 65 वर्ष की उम्र का था l और गाय को पीट रहा था लेखिका ने जब इसका विरोध करना चाहा तो लेखिका को ही डांटने लगा लेखिका के धमकी देने पर कि वह वीडियो बनाकर वायरल करेगी तब किसी तरह गाय की जान बची और किसान लेखिका से बोलने लगा की तुम तो बता दी की सजा दिलवा होगी पर किसे किसे सजा दिलवा सकती हो जिस सरकार की तुम धमकी दे रही हो वही सरकार भी तो किसानों और जानवरों के साथ गलत कर रही है l पता नहीं कितनी गौशाला का निर्माण होता है पर जानवरों को खाने के लिए कुछ नहीं रहता गौशाला बनवाने से कुछ नहीं होता सरकार का तो पता नहीं इतना पढ़ा लिखा नहीं कि मैं जानता कि सरकार देती है l या नहीं परंतु जो देती है वहां काम करने वाले लोग ही कालाबाजारी करते हैं और पूरा बेच देते हैं और पैसे कमाते हैं l इसके लिए सरकार नहीं देखती है इस बात को ऊपर क्यों नहीं उठाती है क्या इसके लिए कोई नियम नहीं कोई सजा नहीं किसानों को तो भारत का पहिया कहा जाता है लेकिन वही पहिया दिन प्रतिदिन कमजोर होता चला जा रहा है भोजन ना मिलने के कारण कितने पशु गौशाला के आसपास मर जाते हैं उसको कोई नहीं देखता इस बात पर किसान लेखिका से बार-बार जवाब मांग रहा था l परंतु लेखिका के पास इसका कोई जवाब देने के लिए नहीं था वह शांत हो गई और अपना सिर नीचे कर ले l सच में आज भी हमारे देश में और हमारे आस पास ही इतने जुर्म हो रहे हैं कि लोग उसे नजरअंदाज करके उनको कुछ चलते हुए आगे बढ़ रहे हैं जिस गाय को मां कहा जाता है उसी मां का आज दिन प्रतिदिन दोहन किया जा रहा है और उसे मजबूरी का नाम दिया जा रहा है इस कहानी का मतलब मनोरंजन करना नहीं या नजरअंदाज करना बल्कि इंसाफ दिलाना है इंसाफ एक पर नहीं बल्कि सब पर किया जाए किसानों और जानवरों दोनों पर हो क्योंकि दोनों एक दूसरे के पूरक हैं जानवर और इंसान दोनों के बीच मित्रता का संबंध हो l

Language: Hindi
3 Likes · 386 Views
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