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18 May 2024 · 1 min read

प्यासे को पानी ….

84…
6.5.24.
बहर-ए-हिन्दी मुतकारिब मुसद्दस मुज़ाफ़
फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़े
22 22 22 22 22 2
#
प्यासे को पानी भूखे निवाला देना
जो दिया तले मांगे उजाला देना
#
क्यों उलझ रहे केवल भ्रम के मायाजाल
बुरे सोच के हर माथे टीका काला देना
#
वे जो लूट रहे हैं चारों तरफ खजाने
इन मंसूबों तत्क्षण देश निकाला देना
#
उजड़े नहीं सुहाग कोई माता ना रोए
नियमो की नौबत ना हील हवाला देना
#
अच्छे दिन का आना अब भी है बाकी
अब भी बचा मन अवसादों को ताला देना
#
जोश खरोश में हो घर घर जन जन की वाणी
हर पूजा मंदिर हर मंदिर शिवाला देना
#
सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर
जोन 1 स्ट्रीट 3 दुर्ग छत्तीसगढ़

51 Views

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