*प्यार भी अजीब है (शिव छंद )*
प्यार भी अजीब है (शिव छंद )
प्यार भी अजीब है।
जीव के करीब है।
टूटता कभी नहीं।
छूटता कभी नहीं।
प्यार मस्त मस्त है।
जिंदगीपरस्त हैं।
प्यार ही अपार है।
स्नेह की पुकार है।
प्यार भाव सर्व है।
शानदार गर्व है।
ढ़ालदार मर्म है।
गर्मजोश धर्म है।
सिन्धु रत्न प्यार है।
अंतहीन ज्वार है।
वांछनीय द्रव्य है।
देवतुल्य भव्य है।
पा गया अमूल्य को।
देव स्तुत्य तुल्य को।
दृश्य है अतुल्य है।
श्वांस भाव मूल्य को
ऋतुराज वर्मा