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26 Aug 2019 · 1 min read

प्यार दी पींग

सोहणी कुड़ी मलूक जही मेरे नित सुपने च आवे
सुपने दे विच आके यारों मैनूं ओह रोज जगावे

चेहरा खिड़े फुल गुलाब दा की सिफतां मैं गांवा
रेशमी गुलाबी अंग महकदे वेख मैं मर मर जांवा
चाल ओदी मस्तानी मोरनी वांगू पैहला पावे
सुपने दे विच आके यारो मैनू ओह रोज जगावे

हूर परी ओह रज्ज के सोहणी जो अरशों उतरी
भरी पटारी रूप हुस्न दी रहमत कुदरत बख्शी
घूँघरु वांगू हासा खनकदा दिल ठिलदा जावे
सुपने दे विच आके यारों मैनू ओह रोज जगावे

धौन सुराही वरगी ,छाती जिवें तख्त हजारा
लक पतला बदन दी भारी लोक मरन हजारां
दो नैन नशीले जटी दे विच दिल गोते खावे
सुपने दे विच आके यारों मैनू ओह रोज जगावैं

सुपने दे विच आ के मैनू ओह एह बोली
पींघ प्यार दी चढाइये आजा यार हमजोली
संग जीन मरन दिया सुख ओह बातां पावे
सुपने दे विच आके यारों मैनू ओह रोज जगावे

सोहणी कुड़ी मलूक जही मेरे नित सुपने आवे
सुपने दे विच आके यारों मैनू ओह रोज जगावे

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 598 Views
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