Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2022 · 1 min read

प्यार दिलों का सौदा है तो

प्यार दिलों का सौदा है- गजल- कोमल काव्या
प्यार दिलों का सौदा है तो बात यहीं तक रहने दो
जो चुभते हैं अक्सर वो सवालात यहीं तक रहने दो ।
हमने अपना जान के तुमको अपनी जान बनाया था
साथ गुजारे सुख दुख के लमहात यहीं तक रहने दो ।
रह गया शृंगार अधूरा मंडप बैठी दुल्हन का
जनवासे से लौट गई बारात यहीं तक रहने दो ।
कुछ तेरे थे कुछ मेरे थे मिलकर गीत बनाए थे
जो दी थी और जो ली थी सौगात यहीं तक रहने दो ।
जग को जीते तो क्या जीते अपनों को जो हार दिया
बंद करो अब खेल जफ़ा के मात यहीं तक रहने दो।
देर से सीखा है हमने पर सीखा चलन जमाने का
भूल चुके जो जाग के काटीं रात यहीं तक रहने दो । ।
मांग के मिलता है कब सच्चा प्यार खुदा की बस्ती मे
लो ठुकरा दी हमने भी खैरात यहीं तक रहने दो।
कोमल कोमल कहकर दिल को हमने नाजुक कर डाला
सबके होते एक नही जसबाट यहीं तक रहने दो ।
प्यार दिलों का सौदा है तो बात यहीं तक रहने दो ।

Language: Hindi
118 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विरही
विरही
लक्ष्मी सिंह
मौन हूँ, अनभिज्ञ नही
मौन हूँ, अनभिज्ञ नही
संजय कुमार संजू
अपनी पहचान को
अपनी पहचान को
Dr fauzia Naseem shad
ऐ दिल न चल इश्क की राह पर,
ऐ दिल न चल इश्क की राह पर,
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
sushil sarna
मुद्दत से संभाला था
मुद्दत से संभाला था
Surinder blackpen
*
*"मजदूर"*
Shashi kala vyas
कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता
कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता
Shweta Soni
राज नहीं राजनीति हो अपना 🇮🇳
राज नहीं राजनीति हो अपना 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आज के युग का सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये है
आज के युग का सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये है
पूर्वार्थ
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अनेक को दिया उजाड़
अनेक को दिया उजाड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बहुत उपयोगी जानकारी :-
बहुत उपयोगी जानकारी :-
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
3240.*पूर्णिका*
3240.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"विषधर"
Dr. Kishan tandon kranti
लाईक और कॉमेंट्स
लाईक और कॉमेंट्स
Dr. Pradeep Kumar Sharma
याद आती हैं मां
याद आती हैं मां
Neeraj Agarwal
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मन डूब गया
मन डूब गया
Kshma Urmila
#शेर
#शेर
*प्रणय प्रभात*
सुना है सपनों की हाट लगी है , चलो कोई उम्मीद खरीदें,
सुना है सपनों की हाट लगी है , चलो कोई उम्मीद खरीदें,
Manju sagar
*देखो ऋतु आई वसंत*
*देखो ऋतु आई वसंत*
Dr. Priya Gupta
कहानी इश्क़ की
कहानी इश्क़ की
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
कवि रमेशराज
" बेदर्द ज़माना "
Chunnu Lal Gupta
ज़िंदगी के तजुर्बे खा गए बचपन मेरा,
ज़िंदगी के तजुर्बे खा गए बचपन मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर रास्ता मुकम्मल हो जरूरी है क्या
हर रास्ता मुकम्मल हो जरूरी है क्या
कवि दीपक बवेजा
कदीमी याद
कदीमी याद
Sangeeta Beniwal
माटी कहे पुकार
माटी कहे पुकार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...