*** प्यार तो आकृति से ही होता है **
कोई डगमगाता है तो कोई लड़खड़ाता है
जीवन के रास्ते विद्रूप कब कोई सम्भल पाता है ।।
?मधुप बैरागी
प्यार तो
आकृति
से ही
होता है
चाहे
वह प्रकृति हो
या अन्य
जिसने प्यार
पा लिया
वो धन्य
इन
आकृतियों को
देखकर तो
ऐसा ही
लगता है
प्यार तो
रूप से ही
होता है
वरना
आदमी
रूप के
मोह में
कभी
नहीं
फसता
प्रकृति
को ही
देख लो
किस
तरह
प्रकृति और
पुरुष
का प्यार
दर्शाती है ।।
?मधुप बैरागी