प्यार तुम्हीं पर लुटा दूँगा।
प्यार किया है जी भर कर तुमसे,
प्यार तुम्हीं पर लुटा दूँगा।
दर्द भरा है दिल में मेरे,
मैं प्यार तुम्हीं से करता हूँ,
याद तुम्हीं को करता हूँ,
दिल में बना दूँ महल तेरा।
प्यार किया है जी भर कर तुमसे,
प्यार तुम्हीं पर लुटा दूँगा।…..(1)
नैनो मेंं तुम जो बस गये हो,
आँसू बन के बह न जाना,
बोझ ये मन का सह न सकूँ,
बिन प्यार किये तुम्हे रह न सकूँ।
प्यार किया है जी भर कर तुमसे,
प्यार तुम्हीं पर लुटा दूँगा।…..(2)
जीता हूँ तेरी यादों में,
ओठों में लेके नाम सदा,
तुम न मिले इस दुनिया में,
खुद की पहचान मिटा दूँगा।
प्यार किया है जी भर कर तुमसे,
प्यार तुम्हीं पर लुटा दूँगा।…..(3)
रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश
मौदहा
हमीरपुर ।