प्यार के दुश्मन
दिल तुर के हंसल
इहवां के रीत पुराना
दुश्मन भईल ज़माना
हाए….
दुश्मन भईल ज़माना…
केसे कहीं हम जाके
आख़िर दर्द के फ़साना
दुश्मन भईल ज़माना
हाए…
दुश्मन भईल ज़माना…
अपना जान के बिना
कइसे रही दीवाना
दुश्मन भईल ज़माना
हाए…
दुश्मन भईल ज़माना…
प्यार काहे बनेला
रिवाज़ के निशाना
दुश्मन भईल ज़माना
हाए…
दुश्मन भईल ज़माना…
दुःख के भुलावे के
मिले नाहीं बहाना
दुश्मन भईल ज़माना
हाए…
दुश्मन भईल ज़माना…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)