प्यार के एहसास से प्यार किया है कभी
कितनी खूबसूरत लग रही हो तुम….. तुम्हें देख कर तो परियां भी जलन के मारे आह भर उठे …….. लगता है उपर वाले ने सिर्फ एक तुम्हें बनाया ……और तुम्हें बना कर वो सांचा ही तोड़ दिया होगा। क्योंकि उसने महसूस किया होगा की …उसने सारे कायनात की सबसे अनमोल रचना का निर्माण कर लिया है ……..और इससे खुबसूरत कुछ बना ही नहीं सकता । कितनी खूबसूरत है तुम्हारी ये आंखें …… बिना कुछ कहे भी हर बात बता जाती है….ये तुम्हारा अप्सराओं सा दमकता रुप …….. और तुम्हारा कुन्दन सा दमकता ये गोरा शफ़्फाक बदन इतना खूबसूरत है कि …. लगता हो जैसे छूने से मैला हो जाए…… …….और तुम्हारे होंठों की सुर्खियां तो ऐसी लगती हो मानो सुर्ख गुलाब की दो पंखुड़ियां ………… ऐसी महसूस होती है मानो सुर्य देव ने जाते जाते अपनी सारी लालिमा इन होठों पर ही बिखेर दी हो….. और उस पर ये तुम्हारी जान लेवा मुस्कराहट ……जी तो चाहता है तुम्हारे इन सुर्ख अधरों पर अधर रख किसी भंवरे की तरह सारा मधुरस होंठों से चूरा लूं। अजंता एलोरा की उन खुबसूरत मुर्तियों से भी सुदृढ़ व सुंदर तुम्हारी देह को अपनी बाहों में भरकर इतना प्यार करुं की सात जन्म भी अपने प्यार के लिए कम पड़ जाए …..…… सच मधु , बहुत खुबसूरत हो तुम ……… मेरी भावनाओं से भी कहीं ज्यादा ….मेरे शब्दों से भी बहुत ज्यादा…..इतनी की मैं शब्दों में बयां भी नहीं कर पा रहा हूं । शब्द भी बहुत छोटे लग रहे हैं
और इसमें कोई शक की गुंजाइश ही नहीं है की सारे जहां का सबसे खुशनसीब व्यक्ति मैं ही हूं । ईश्वर की तुम जैसी अनमोल रचना मेरी जिंदगी का सबसे बडा नज़राना है………और इतना अधिक प्यार करने वाली अप्सरा मेरी हमसफ़र है ।
मैं तुमसे वादा करता हूं तुम्हारी इन खुबसूरत आंखों में आंसुओं का एक कतरा भी न आने दूंगा ..इतना प्यार करुंगा …….इतना प्यार करुंगा ….की सारी दुनिया में किसी ने भी किसी से इतना प्यार नहीं किया होगा।आई लव यू जान …..आई लव यू …..! और मधु प्यार , स्नेह और आश्चर्य से माही की प्यारी प्यारी बातों में छुपे प्यार को महसूस कर स्वप्न लोक में विचरण करते हुए एकटक उसे निहार रही थी …कभी सोचा भी ना था की उसकी जीवन की बगिया में प्यार के इतने खुबसूरत फुल खिलेंगे की उनकी खुशबू से दिल का कोना कोना महक जाएगा ….उसे इतना प्यार करने वाला माही के जैसा हमसफ़र मिलेगा ।भाव विभोर हो मधु कुछ बोल तो नहीं पाई पर माही के सीने में सर छुपा कर अपनी प्यार के नशे में चूर आंखें बन्द कर ली। माही ने भी उसे कसकर बाहों में भींच लिया और सुर्ख हो रहे कपोलों पर अधरो से प्यार की मुहर लगा दी।
ये तो पता नहीं किसने कहा ,पर किसी ने तो कहा था कि ..प्यार की उम्र बहुत छोटी होती है ……..पर चाहे जितनी छोटी हो प्यार में जो समय व्यतीत होता है उनकी यादें अविस्मरणीय होती है…..वो फीलिंग वो एहसास अद्भुत होता है ….. प्यार प्यार और सिर्फ प्यार के अलावा किसी भी एहसास के लिए कोई जगह नहीं होती …….. प्यार के साथ ही अपने हमसफर से उम्मीदें , आशाएं और अधिकार भी अपनी चरम तक पहुंच जाता है । और ऐसे समय में जरा सी भी कमी ….जरा सी भी उपेक्षा ….. दिल में चुभे नश्तर की तरह महसूस होने लगती है और मासुम सा दिल बेचारा तड़प के रह जाता है।
कुछ समय पश्चात थोड़ी बहुत अड़चनों के बाद माही और मेरी शादी भी हो गई । और हमारी खुशियों का कोई ठिकाना न रहा और हमारे गृहस्थ जीवन की प्यारी सी शुरुआत हो गई और हम इस कदर अपनी खुशियों को संवारने में जुट गए की पता ही न चला की कब हमारी शादी की दूसरी सालगिरह आने के पहले ……वो हो गया जिसकी कल्पना भी नहीं की थी ।
हमारे प्रेमी से पति बने पति देव जिनके मुख से पल-पल प्यार के फूल झडा करते थे।जी हां बिल्कुल सही सुना आपने ” थे ” कुछ दिनों से उनकी जुबान पर कर्फ्यू लग गया था अभी हमारी शादी को दो साल भी पुरे नहीं हुए थे और लगने लगा जैसे अरसा गुज़र गया हो पतिदेव के मुंह से अपनी तारीफ सुने ….। सिर्फ दो साल गुजरते – गुजरते यह पता ही नहीं चला की मैं “खास” से आम कैसे हो गई ? जबकि सभी का कहना था कि शादी के बाद तो मैं और ज्यादा खुबसूरत हो गई हूं । और ये उन्हें ही नहीं बल्कि मुझे भी महसूस होता था। की शादी के पश्चात एक साधारण लड़की भी खुबसूरत लगने लगती है। और मैं कैसी थी ये तो आपने मेरे पतिदेव के मुंह से सुना ही है तो कहने का मतलब यह की मैं तो पहले से बहुत ज्यादा ही खुबसूरत लगने लगी थी मुझमें आए निखार ने तो अजंता एलोरा की उन मुर्तीर्यों के सौन्दर्य को भी फिका कर दिया था । पर मजाल है की उनके मुंह से मेरी तारीफ में चंद शब्द भी निकले हों …….. हां आंखों में कभी कभी महसूस होता। कुछ दिनों तक तो नज़र अंदाज़ करती रही पर जब पानी सर से गुजरने लगा और खुद को रोक पाना मुश्किल हो गया तो एक दिन दाना पानी लेकर चढ़ ही गई । और काफी समय से दबा हुआ गुबार फट ही गया ।
काफी समय से देख रही हूं की तुम अब वो पहले वाले माही नहीं रहे……. कितने बदल गए हो……. प्यार भी पहले सा नहीं रहा …. पहले तो मैं अप्सरा लगा करती थी कितनी प्यारी बातें करते थे……. हमेशा तारीफ किया करते थे…..और अब तो मेरी तरफ ध्यान भी नहीं जाता क्या मैं अब तुम्हें खुबसूरत नहीं लगती ? जब दिल का ज्वालामुखी फटा तो साथ में लावा भी निकलना जरूरी था …जब तक शादी नहीं हूई थी तब तक कितना प्यार करते थे और अब घर की मुर्गी दाल बराबर लगने लगी । सच तो यह है कि …. कोई चीज पर्दे में हो तब तक बहुत अच्छी लगती है ……..और जब मिल जाती है तो उसकी अहमियत कम होने लगती है। और पहले सी बात नहीं रह जाती । क्या गुनाह हो गया मुझसे ….. दिल का सारा गुबार निकलता रहा …. मगर आंसू थे की थमने का नाम ही न ले रहे थे ।
पहले तो माही उसे प्यार भरी नजरों से देखता रहा , फिर पानी लाकर दिया और बोला आओ पहले बैठ जाओ । नहीं मैं ठीक हूं ऐसे ही …..माही ने , प्यार से हाथ खींच कर उसे अपने करीब किया और बाहों में भींच कर लिपटा लिया । मधु के आंसुओं ने उसे भी द्रवित कर दिया , वह भी अपने आंसुओं को रोक नहीं पाया …. और दोनों एक दूसरे से लिपट कर रोने लगे। माही को भी रोता देख मधु भी हड़बड़ा गई ….और जोर से लिपट गई ।
मधु , मेरी बात ध्यान से सुनो शादी के पहले का आकर्षण बहुत ज्यादा होता है और प्यार भी काफी नज़र आता है क्योंकि इसका एक स्वाभाविक कारण यह भी रहता है की दुरियां ज्यादा रहती है और थोड़े समय के लिए मिलते हैं और ज्यादा समय दूर रहते हैं गृहस्थी की आटे दाल की कोई चिंता नहीं रहती पर मैं ये नहीं कह रहा हूं की शादी के बाद सब कुछ बदल जाता है। होता यह है की शादी के पहले इतने कम समय के लिए मिलते थे की एक-दूसरे को ज्यादा नोटिस नहीं कर पाते थे थोड़ा सा समय मिलता था जो प्यार और शिकवे शिकायत में कैसे बीत जाता था पता ही नहीं चलता था । और लगता था की आने से पहले ही वापस जाने का समय हो जाता था। और अब जब हमारी शादी हो गई है तो नेचुरल है की हम साथ ही रहते हैं। पहले समय कम मिलता था तो उतने कम समय में प्यार बहुत ज्यादा लगता था ….प्यार अब भी कम नहीं हुआ है बल्कि बढ़ गया है पर समय ज्यादा होने से प्यार कम लगने लगा है अब हम 24 घंटे में आफिस और आने जाने के 7 घंटे छोड़ दो तो 17 घंटे हम एक साथ ही रहते हैं । अब तुम ही बताओ क्या 17 घंटे यूं ही हम एक दूसरे की बाहों में रह सकते हैं …….? ऐसा कैसे हो सकता है …. …. घर के और भी काम है वो कौन करेगा …… मुझे ही करना पड़ेगा …….. एग्जेक्ट ली , मैं तुमसे यही कह रहा हूं की तुम्हे भी कुछ काम होते हैं मुझे भी कुछ आफिस के काम होते हैं …उसके बाद भी, बोलो हम कितनी देर बाहों में रहते हैं , शादी के पहले या अभी सोच कर बताओ ? अभी….मधु ने हिसाब लगाया और कुछ सोच कर शरमा गई । अब रही तारिफ की बात तो पहले तुम्हारी तारिफ जुबान से करके जताते थे कि हम एक दूसरे से कितना प्यार करते है ….. क्योंकि , वही पल हमारे प्यार का सरमाया थे ।उन्हीं प्यार भरे बोलों से हमारे जुदाई भरे दिन और रातें कटती थी ……. उन्हें याद करके ही समय बीताया करते थे।
पर अभी तुम्हें क्यों लगता है की मैं तुम्हारी तरीफ नहीं करता …? मेरी आंखों में झांक कर कहो क्या मेरी आंखे तुम्हारी तारीफ नहीं करती …… ?? जब तुम मेरे करीब होती हो तो आंखें बोलती है ……और …जब रात में….. बस ….बस … कुछ बोलने की जरूरत नहीं है मधु ने शर्मा कर माही की बाहों में सर छुपा लिया । लगा मानो कुछ भी कम नहीं हुआ है बल्कि इतना ज्यादा बढ़ गया है की अब जिंदगी भर के लिए ये शिकायत बेमानी हो गई हो। क्योंकि दुनिया की किसी भी दुकान में ऐसा तराजू नहीं मिलता जो प्यार की नाप तोल कर सके “प्यार तो प्यार” होता है जितनी शिद्दत से महसूस करेंगे उतना ही ज्यादा नजर आएगा जरुरी है तो बस इस प्यार के एहसास से प्यार करना ।
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