प्यार की तड़प
फूलों की खुशबू फिकी पड़ जाती है
जब वो मेरे पास से गुज़र जाती है
पहुंच जाती है वो दिल तक मेरे
जब भी उसकी आवाज़ सुनाई जाती है
है ज़माने भर में खबर, बस वही बेखबर है
मेरे दिल की हालत आज किस कदर है
खोया रहता है ये दिल उसकी ही याद में
जाने क्यों समझता नहीं, वो बेकदर है
मिलता है रास्ते में जब भी कहीं
मुस्कुराकर जाता है आज भी वो
जाने क्यों नहीं समझता
मेरे दिल की हालत आज भी वो
जब भी देखता हूं मैं उसको
नज़रें झुकाकर चलता है वो
नज़रंदाज़ करके मुझे हमेशा
क्यों मेरे दिल को छलता है वो
महसूस करे वो भी तड़प इश्क में
आए ऐसे दिन जीवन में जल्द ही
हो जाए उसे भी इश्क मुझसे अब
खुदा ही अब कुछ करे, जल्द ही
कैसी होती है प्यार की तड़प
उसे जब महसूस करेगा वो भी
जब धड़केगा दिल उसका मेरे लिए
मिलने को मुझसे तड़पेगा वो भी
होगी जब उसको भी मोहब्बत
तभी समझ पाएगा वो हालत मेरी
भूलकर ज़माने के बंधन फिर
खुद-ब-खुद आ जायेगा वो बाहों में मेरी।