प्यार करता हूँ
मुक्तक — प्यार करता हूँ
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सुनो जी मोहतरमा,एक बात कहता हूँ।
दिल से तुम्हें बहुत,प्यार करता हूँ।
दृश्य तुम्हारा,मेरा स्मृति पटल में हैं।
सच बताऊँ सनम,हरपल खोया रहता हूँ।
संभावना है आज,फूल बरसने की।
समय हो गया हैं,उसके आने की।
तुम्हारी यादों में,क्या क्या सजाया हूँ।
खो गया हूँ प्यार में मैं,अपनी दीवानी की।
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रचनाकार-डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना,बलौदाबाजार (छ.ग.)
मो. 8120587822