पॉलीथिन का प्रभाव पर्यावरण पर
पर्यावरण पर जो दुष्प्रभाव हो रहा है उसका कारण ही पॉलिथीन थर्माकोल और प्लास्टिक पन्नी से बनी सभी वस्तुओं का जद्दोजहद है,
पॉलिथीन बैन होने का निर्देश दे दिया गया है और कुछ वर्ष पहले भी इसका निर्देशन हुआ था पॉलिथीन बैन हुई थी परंतु कुछ दिन होने के पश्चात ,फिर फिर से फलों का चलन होने लगा और निर्देश ज्यों का त्यों धरा का धरा रह गया ! और सरकार अब फिर से पॉलिथीन बैन करने का निर्देश दे दिया है, और बंद हो चुकी है लेकिन चोरी छुपे या फिर कहे सीनाजोरी से पॉलीथिन थर्माकोल पन्नियों का व्यापार और प्रचलन हो रहा है, सोचने की बात यह है किसी परचून की दुकान ,
पान की दुकान, मिठाई की दुकान ,सब्जी वाले, शॉपिंग मॉल शो रूम, और नुक्कड़ पर ही पॉलिथीन बैन होने की बात जताई जा रही है , लेकिन क्या उन कंपनियों पर जिन कंपनियों ने थर्माकोल बनाने या प्लास्टिक बनाने की फैक्ट्रियां लगा रखी हैं , उन पर नोटिस नहीं दिया जा रहा है?? उनको बैन होने की कोई गुंजाइश नहीं की जा रही है? अगर उन को जड़ से खत्म की जाए तो यह हमें नहीं देखना पड़ेगा ,अगर हम देखें तो हम चारों तरफ से पॉलिथीन प्लास्टिक और पत्नियों से सुबह से लेकर शाम तक घिरे हुए हैं ,उदाहरण के तौर पर चिप्स के पैकेट, बिस्कुट के पैकेट ,बच्चों के डायपर, खिलौने ,डिब्बे ,पानी की बोतल, डस्टबीन, पानी की टंकी, से घिरे हुए हैं , जैसे कि कोई भी अगर हम हैंड बैग ले ले पर्स ले ले बाइक की छोटी-छोटी उपकरण जो इलेक्ट्रिकल उपकरण हैं ,जो कार्य में लगे होते हैं हमारे कुर्सी हमारे टेबल हमारे सोफे हमारे बेड हमारे घरों में लगे हुए कई ऐसी वस्तुएं इन सभी चीजों से हम घिरे हुए हैं जो प्लास्टिक और थर्माकोल से बनी हुई रहती हैं , हम कहां तक इन से पीछा छुड़ा पाएंगे? छुटकारा तभी मिलेगा जब इन कंपनियों को एकदम से बंद करा दिया जाए, तब जाकर शायद पर्यावरण प्रदूषण रहित हो पायेगा !
एक बात और चलो मान लिया जाए कि पॉलिथीन बैन करने से हमारा पर्यावरण प्रदूषण से बच जाएगा, लेकिन जो पेड़ों की कटाई हो रहे हैं हरे पेड़ कर रहे हैं अवैध रूप से मिट्टी की खुदाई हो रही है मिट्टियों का खनन हो रहा है ,अवैध रूप से फैक्ट्रियां चल
है ,उन फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं हमारे पर्यावरण पर बुरा प्रभाव डालते हैं, उन पर सरकार की नजरें नहीं जा रही हैं , क्या ऐसे चलते पर हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहेगा ? नहीं एकदम नहीं , पॉलिथीन प्लास्टिक बंद होने के साथ-साथ हरे पेड़ वनों की कटाई पर ही जोर देना पड़ेगा, देना पड़ेगा !
मेरे लेखन का आशय बस इतना ही है , कि सिर्फ पॉलिथीन बंद करने से ही पर्यावरण सुरक्षित नहीं होगा, हमें हर तरफ से सजग होना पड़ेगा जागना पड़ेगा निरीक्षण करना पड़ेगा तब जाके पर्यावरण सुरक्षित सुव्यवस्थित स्वच्छ रहेगा स्वस्थ रहेगा….
अंकुर पाठक