पैसे की महिमा
पैसे को आगे रखो,सब काम तुम्हारे होते जायेगे।
पैसे को मुर्दो के आगे फैको वे भी बढ़ते जायेगे।।
पैसे में इतना दम है,वह मरे हुए को जिला देगा।
बिन पैसे के तो आज तुम्हें कोई नही उठने देगा ।।
पैसे की महिमा इतनी भारी बिगड़े काम बनायेगा।
बिन पैसे के तो आज कोई भी काम न बन पायेगा।।
पैसा खुद बोलता है,भले ही तुम चुपचाप रहो।
पैसे बिन कुछ न होगा,भले ही तुम चिल्लाते रहो।।
पैसे से सब रिश्ते नाते,इससे सब काम होते है।
पैसे बिन तो,सगे बेटे भी अपने भी नही होते है।।
पैसे बिन तो,भगवान के भी दर्शन नही होते है।
पैसे जेब में है तो बिना लाइन के दर्शन होते है।।
पैसे के बिन तो कवि लेखक भी न लिख पाते है।
पैसे रखो हथेली में वे ही महिमा गान सुनाते है।।
पैसे बिन कारोबार न होवे,भले ही बुद्धिमान हो ।
पैसा तो हर जगह पुजता,भले ही बेईमान हो।।
पैसा बना है गोल,सभी इसके चक्कर लगाते है।
जैसे गोल सूर्य के,सभी ग्रह भी चक्कर लगाते है।।
पैसे बिन शादी न होवे,भले ही विश्व सुंदरी हो।
पैसे से हो जायेगी शादी,भले ही कानी चुन्दी हो।।
पैसे की महिमा कितनी सुनाऊं सुनते सुनते थक जाओगे।
पैसे की लालसा तभी खत्म होगी जब गहरी नींद सो जाओगे।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम