Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jun 2021 · 1 min read

पैसा वैक्सीन

✒️?जीवन की पाठशाला ??️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जहाँ तक हो सके हर व्यक्ति को कुछ समय अपने लिए निकाल कर प्रतिदिन एक डायरी में आज क्या अच्छा हुआ -क्या गलत -कल का क्या प्लान है लिखना चाहिए ,आप देखिएगा कुछ समय बाद आप अपने भीतर एक अचूक परिवर्तन महसूस करेंगें …

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हर महीने की पहली तारीख को डायरी में उस महीने के टारगेट लिखने चाहियें और माह के अंतिम दिन उस पन्ने पर जाकर देखना चाहिए की इस माह आपने जो -जो सोचा था उसमें से कितना हासिल किया -कितना नहीं और जो नहीं हो पाया उसके लिए आपके प्रयास या कोई ओर क्या कमी रही …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इंसान को किसी भी व्यक्ति /रिश्ते की अहमियत -कमी तब पता लगती है जब वो व्यक्ति किसी दुसरे इंसान के लिए ख़ास बन जाता है -छोड़ जाता है -बिछुड़ जाता है …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की पैसा इंसान के जीवन में उस वैक्सीन की तरह है जो ना जाने कितनी ही बिमारियों को जड़ से खत्म कर देता है -रिश्तों को करीब रखता है -आपको इज्जत दिलाता है …!

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
?? विकास शर्मा “शिवाया”?
???
⚛️?☸️??

Language: Hindi
Tag: लेख
199 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*अपने करते द्वेष हैं, अपने भीतरघात (कुंडलिया)*
*अपने करते द्वेष हैं, अपने भीतरघात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आगे का सफर
आगे का सफर
Shashi Mahajan
" पीती गरल रही है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
चंचल मन***चंचल मन***
चंचल मन***चंचल मन***
Dinesh Kumar Gangwar
संयम रख ऐ जिंदगी, बिखर सी गई हू |
संयम रख ऐ जिंदगी, बिखर सी गई हू |
Sakshi Singh
लत
लत
Mangilal 713
🙅यक़ीन मानिए🙅
🙅यक़ीन मानिए🙅
*प्रणय*
सुख भी बाँटा है
सुख भी बाँटा है
Shweta Soni
लोग मेरे  इरादों को नहीं पहचान पाते।
लोग मेरे इरादों को नहीं पहचान पाते।
Ashwini sharma
इक ही नहीं मुमकिन है ये के कई दफा निकले
इक ही नहीं मुमकिन है ये के कई दफा निकले
सिद्धार्थ गोरखपुरी
4468 .*पूर्णिका*
4468 .*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी में एक रात ऐसे भी आएगी जिसका कभी सुबह नहीं होगा ll
जिंदगी में एक रात ऐसे भी आएगी जिसका कभी सुबह नहीं होगा ll
Ranjeet kumar patre
युग अन्त
युग अन्त
Ravi Shukla
जिंदगी मौत तक जाने का एक कांटो भरा सफ़र है
जिंदगी मौत तक जाने का एक कांटो भरा सफ़र है
Rekha khichi
कई जिंदगियां महफूज़ रहती हैं,
कई जिंदगियां महफूज़ रहती हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
--पुर्णिका---विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
--पुर्णिका---विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
*ज़िंदगी में बहुत गम है*
*ज़िंदगी में बहुत गम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
??????...
??????...
शेखर सिंह
गर्मी और नानी का आम का बाग़
गर्मी और नानी का आम का बाग़
अमित
"अभिलाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
जो भगवान श्रीकृष्ण अपने उपदेश में
जो भगवान श्रीकृष्ण अपने उपदेश में "धर्मसंस्थापनार्थाय संभवाम
गुमनाम 'बाबा'
Value the person before they become a memory.
Value the person before they become a memory.
पूर्वार्थ
Reliable Movers and Packers in Hyderabad
Reliable Movers and Packers in Hyderabad
Shiftme
कांटें हों कैक्टस  के
कांटें हों कैक्टस के
Atul "Krishn"
दोस्ती की हद
दोस्ती की हद
मधुसूदन गौतम
पारस्परिक सहयोग आपसी प्रेम बढ़ाता है...
पारस्परिक सहयोग आपसी प्रेम बढ़ाता है...
Ajit Kumar "Karn"
यह जीवन अनमोल रे
यह जीवन अनमोल रे
विजय कुमार अग्रवाल
हिंदी दिवस - 14 सितंबर
हिंदी दिवस - 14 सितंबर
Raju Gajbhiye
जल से सीखें
जल से सीखें
Saraswati Bajpai
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...