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27 Aug 2024 · 1 min read

#पैरोडी-

#पैरोडी-
■ आ गया फिर से चुनाव है…!
【प्रणय प्रभात】

पड़ जा गले कि आ गया फिर से चुनाव है।
सुनने में आ रहा तेरी ख़तरे में नाव है।।

– बच कर के रहना अपने सियासी रक़ीब से।
तुझको टिकट मिला है बड़े ही नसीब से।
जिनको मिला ना उनके कलेजे में घाव है।
सुनने में आ रहा तेरी ख़तरे में नाव है।।

– इक बार जीत के तेरे तेवर बदल गए।
चमचे पुराने सारे पकड़ से निकल गए।
वोटर हरेक राह में जलता अलाव है।
सुनने में आ रहा तेरी ख़तरे में नाव है।।

– भूले से मत समझना कि आया बसंत है।
बेशर्मियों की दास्तां तेरी अनंत है।
तेरे लिए दुआ है ना कोई लगाव है।
सुनने में आ रहा तेरी ख़तरे में नाव है।।

– गिनती के चापलूस हैं झंडा लिए खड़े।
बाक़ी के लोग टेसू की तरहा से हैं अड़े।
हर खोपड़ी में खीझ दिलों में तनाव है।
सुनने में आ रहा तेरी ख़तरे में नाव है।।

– किस्मत भी साथ अब के निभाने को नहीं है।
भगवान भी अब तुझको बचाने का नहीं है।
औक़ात अब बची नहीं कौड़ी का भाव है।
सुनने में आ रहा तेरी ख़तरे में नाव है।।

#रचना- (अलोकप्रियता व पराजय के बाद भी क्षेत्र को अपने पुरखों की जागीर व जनता को मूर्ख समझ कर धनबल, बाहुबल के बूते टिकट कबाड़ने वाले हर नेता के लिए)

●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

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