#पैरोडी-
#पैरोडी-
■ आ गया फिर से चुनाव है…!
【प्रणय प्रभात】
पड़ जा गले कि आ गया फिर से चुनाव है।
सुनने में आ रहा तेरी ख़तरे में नाव है।।
– बच कर के रहना अपने सियासी रक़ीब से।
तुझको टिकट मिला है बड़े ही नसीब से।
जिनको मिला ना उनके कलेजे में घाव है।
सुनने में आ रहा तेरी ख़तरे में नाव है।।
– इक बार जीत के तेरे तेवर बदल गए।
चमचे पुराने सारे पकड़ से निकल गए।
वोटर हरेक राह में जलता अलाव है।
सुनने में आ रहा तेरी ख़तरे में नाव है।।
– भूले से मत समझना कि आया बसंत है।
बेशर्मियों की दास्तां तेरी अनंत है।
तेरे लिए दुआ है ना कोई लगाव है।
सुनने में आ रहा तेरी ख़तरे में नाव है।।
– गिनती के चापलूस हैं झंडा लिए खड़े।
बाक़ी के लोग टेसू की तरहा से हैं अड़े।
हर खोपड़ी में खीझ दिलों में तनाव है।
सुनने में आ रहा तेरी ख़तरे में नाव है।।
– किस्मत भी साथ अब के निभाने को नहीं है।
भगवान भी अब तुझको बचाने का नहीं है।
औक़ात अब बची नहीं कौड़ी का भाव है।
सुनने में आ रहा तेरी ख़तरे में नाव है।।
#रचना- (अलोकप्रियता व पराजय के बाद भी क्षेत्र को अपने पुरखों की जागीर व जनता को मूर्ख समझ कर धनबल, बाहुबल के बूते टिकट कबाड़ने वाले हर नेता के लिए)
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)