पैमाना बोल पड़ता है
ज़रा सी चूक पर मेरी जमाना बोल पड़ता है,
कि किस्सा बोल पड़ता है फँसाना बोल पड़ता है!
जहाँ पर मौन हो जायेगी’ सच्चाई जमाने की;
वहाँ देने को’ हिम्मत फिर पै’माना बोल पड़ता है !!
©
शरद कश्यप
ज़रा सी चूक पर मेरी जमाना बोल पड़ता है,
कि किस्सा बोल पड़ता है फँसाना बोल पड़ता है!
जहाँ पर मौन हो जायेगी’ सच्चाई जमाने की;
वहाँ देने को’ हिम्मत फिर पै’माना बोल पड़ता है !!
©
शरद कश्यप