पैदा करती चली गयी…..
वो इस कदर मेरे दिल मे पाशाण को रूप लेकर आयी,
मेरे दिल रूपी समुद्र मे भंवर धारा के रूप मे हलचल पैदा कर चली गयीं,
उस तो जरा भी ना आशंका थी मेरे दिल मे पैदा ज्वर धाराओं की,
जो वो नादान बारम्बार मेरे दिल मे सुनामी की लहरें पैदा करती चली गयीं।