पेड़ पौधों के बीच में
पेड़ पौधों के बीच में,
आए हम जंगल पार।
चुराकर कुछ लम्हें,
लाए मस्ती अपार।।
बारिश की बूंदे गिरती,
रिमझिम हुआ सावन।
उछल कूद करते सभी,
होकर आनंद मगन।।
देखें बहुत सुन्दर झरने,
कर रहे कल कल शोर।
चहुंओर फैली हरियाली,
वो देखो नाच रहे है मोर।।
तन पर मिट्टी लगाकर,
हम झरनों में खूब नहाए।
दाल बाटी लड्डू, चूरमा,
भरपेट सबने खूब खाए।।
बह रही थी शुद्ध हवा,
झूम रहा था पत्ता पत्ता।
ऊंचे ऊंचे लंबे पेड़ो पर,
लगा शहद का छत्ता छत्ता।।
पेड़ पौधों के बीच में,
आए हम जंगल पार ।
मिला खूब सुख सुकून,
खिले मन में प्रसून हजार।।