पेट लव्हर
पेट लव्हर
“बेटा, तुम्हें तो पता है कि तुम्हारे पिताजी कितने घुमक्कड़ स्वभाव के थे, पर जब से उन्हें लकवा मार गया है, वे पलंग या व्हील चेयर पर पड़े रह गए हैं। तुम रोज सुबह-शाम टॉमी को घुमाने ले जाते हो, कभी अपने पिताजी को भी व्हील चेयर पर घुमा दिया करो। बाहर की आबोहवा में उन्हें अच्छा लगेगा।” माँ ने आग्रह किया।
“क्या मम्मी आप भी न। सुबह-सुबह ही मूड ऑफ कर देती हैं। आपको तो पता है कि मैं बचपन से ही कितना बड़ा पेट लव्हर रहा हूँ। आपने सोचा है कि यदि मैं कभी टॉमी को वॉक न कराऊँ, तो उसका क्या होगा ?”
माँ व्हील चेयर पर बैठे लाचार पति को देख खून का घूंँट पीकर रह गई। अब वह पच्चीस साल पहले के उस पल को कोस रही थी, जब उसने पति से जिद करके बेटे के सातवें जन्मदिन पर अपने बेटे के विदेशी नस्ल का कुत्ता गिफ्ट किया था।
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़