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24 Feb 2021 · 1 min read

पृचार की महिमा।

पृचार की महिमा अपरम्पार है।जो आम को भी बना देता है खास।गर बन गई जिनकी समाधी फिर पूज रहा है संसार।पृचार की महिमा अपरम्पार। जितना होगा पृचार । उतना ही चलता है व्यापार। मिट्टी कोई न जाने सोने को जानै सकल जहान।ताकत है पृचार की दुर्बल भी बलवान।।झूठा भी हो पृचार पर ताकतवर बन जाता है। कोई जानै न कला को वहीं का वहीं दब जाता है।।पृचार आज का सबसे महान है।पृचार नहीं तो देवता भी परेशान हैं।।पृचार करो इतना कि कोई रहें न बेखबर।पृचार के बूते पर क्या गांव क्या शहर।।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 230 Views
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