पूर्व जन्म के सपने
पृथ्वी सिंह खानदानी रईस था। उसकी हजारों एकड़ में खेती की जमीन थी। और मशहूर जूते की कंपनी थी। उसकी कंपनी के जूते देश विदेश में बिकते थे। उसने एक मांस मछली का डेयरी फार्म का नया व्यापार शुरू किया था, इस व्यापार में भी उसको बहुत अधिक मुनाफा होता है।
कहने का अर्थ यह है, कि पृथ्वी सिंह के पास नाम
शोरत पैसा सब कुछ था।
पृथ्वी सिंह एक अभिमानी व्यक्ति था। उसकी यह सोच थी, कि वह अपने नाम और दौलत के बल पर कुछ भी कर सकता है, और कुछ भी खरीद सकता है।
उसने अपनी चतुराई से बहुत से किसानों की खेती की जमीन पर कब्जा कर लिया था। और अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए वह किसी की जान लेने से भी नहीं डरता था। लेकिन उसने आज तक किसी की जान नहीं ली थी।
उसे ऐसा लगता था, कि ईश्वर भी उसका कहना मानता है।
अपने माता-पिता से मिले उसे कई कई महीने बीत जाते थे।
पृथ्वी सिंह के माता-पिता की बहू और पोते पाती देखने की बहुत इच्छा होती थी। लेकिन पृथ्वी सिंह का मानना था, कि इस दुनिया में उसके लायक कोई लड़की नहीं है। वह दुनिया की हर चीज को अपने से छोटा समझता था।
एक दिन पृथ्वी सिंह एक
मासिक पत्रिका में एक लेख पड़ता है। लेख पूर्व जन्म के सपनों पर था। लेख में एक रोचक किस्सा लिखा हुआ था, की एक मनुष्य ने दो सप्ताह तक सच्चे मन से और अपने दिमाग पर नियंत्रण करके, वहसोने से पहले यह सोचा कर सोने लगा, कि अपने पूर्व जन्म को सपने में देखना चाहता है। और वह दो सप्ताह तक लगातार यह सोच कर सोया।
फिर उसे दो सप्ताह बाद अपने दो पूर्व जन्म सपने में दिखाई दिए। उसकी इस बात का बहुत से मनोवैज्ञानिक डॉक्टरों वैज्ञानिकों अध्यात्मिक मनुष्य और साधु-संतों ने भी समर्थन किया था।
सपने में पूर्व जन्म का लेख पढ़कर पृथ्वी सिंह के मन में भी बहुत इच्छा हुई यह जानने की वह पूर्व जन्म में कितना महान पुरुष था। पृथ्वी सिंह एक घमंडी अभिमानी मनुष्य था। इसलिए वह अपने पूर्व जन्म में भी अपने को महान मानता था।
और वह उसी रात सच्चे मन से और अपने दिमाग दिल को नियंत्रण कर के पूर्व जन्म को सपने मे देखने के लिए सो जाता है।
तीन दिन तक ऐसा करने के बाद उसे अपना पूर्व जन्म दिखाई देता है।
उसे पहला पूर्व जन्म दिखाई देता है, कि वह एक भैंसा है। और तबेले में उसे काट कर मारने के बाद उसकी खाल निकाल कर उससे जूते बना देते हैं।
उसी रात उसे सपने में एक और पूर्व जन्म दिखाई देता है, कि किसी जमीदार ने उसकी खेती की जमीन छीन ली और जमीन वापस मांगने पर उसे अपने आदमियों से इतना पिटवाया कि उसके सर पर ज्यादा चोट लगने की वजह से उसकीआंखों की रोशनी चली जाती है, और वह अंधा हो जाता है।
फिर उसकी गरीबी का फायदा उठाकर उसकी 15 साल की बेटी को पड़ोस के किसी व्यक्ति ने धोखे से जिस्म के बाजार में बेच दिया
पृथ्वी सिंह की पूर्व जन्म को सपने में देखने की इच्छा शक्ति बहुत ही मजबूत थी। इसलिए उसे तीसरा पूर्व जन्म भी सपने दिखाई दे जाता है।
इस पूर्व जन्म में पृथ्वी सिंह एक अध्यात्मिक महापुरुष था। उसके बहुत से अनुयाईथे।
इस जन्म में उससे कोई महाशक्ति आसमान से कहती है, कि तेरी आत्मा ने अपने पूर्व जन्मों में बहुत कष्ट उठाया है। लेकिन तूने इस जन्म में एक महापुरुष जैसे शुद्ध कर्म किए हैं। इसलिए आज के बाद तेरी आत्मा और शरीर को हर एक जन्म में सिर्फ सुख ही मिलेगा। लेकिन तूने अगर बुरे कर्म किए तो तुझे कष्ट भोगने पड़ेंगे।
और अपनी मां की तेज आवाज सुनकर पृथ्वी सिंह का पूर्व जन्म का सपना टूट जाता है। और वह नींद से जाग जाता है। नींद टूटते ही अपनी मां के सीने से लग जाता है। और सबसे पहले अपने माता-पिता की दादा दादी बनने की इच्छा पूरी करने के लिए एक सुंदर समझदार गुनी लड़की से शादी करता है।
अपने बेटे में यह परिवर्तन देखकर उसके माता-पिता बहुत खुश होते हैं।
पृथ्वी सिंह समझ गया था, कि पूर्व जन्म के सपने सच है या झूठ उसे नहीं पता था। पर वह यह समझ गया था कि मनुष्य अगर किसी का भला नहीं कर सकता, तो बुरा भी नहीं करना चाहिए।
क्योंकि यह जीवन भी तो एक सपने जैसे ही एक दिन टूट जाएगा।
इसलिए सबका अच्छे सपने देखने का हक है, अगर कोई भी किसी के सुंदर सपने को अपने बुरे कर्मों से खराब करेगा, तो ऊपर वाला इस जन्म और अगर अगला जन्म होता है, तो उस को उस जन्म में कड़ी सजा जरूर देगा।
दो बरस बाद पृथ्वी सिंह की पत्नी जुड़वा बच्चों को जन्म देती है।
और पृथ्वी सिंह के माता-पिता दादा-दादी बन जाते हैं।
इन दो वर्षों में पृथ्वी सिंह ने जिन किसानों की जमीन धोखे से छीनी थी, वह वापस कर दी थी। और जानवरों की कटाई रोक दी थी। अब उसकी कंपनी जानवरों के चमड़े की जगह दूसरी वस्तु से जूते बनाती थी।
वहअपनी कमाई के कुछ हिस्से को गरीबों मजदूरों जानवरों पक्षियों सामाजिक कार्य और सब धर्मों के धार्मिक कार्य में खर्च करता था। अतीत में छुपे राज उसको संपूर्ण मनुष्य बना देते है।