पूर्ण समर्पण
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब इंसान अपना पूर्ण समर्पण अपने कार्य में देता है तो उसे वक़्त का पता ही नहीं चलता -खाने पीने का होश ही नहीं रहता लेकिन जब इंसान कार्य को बोझ समझ कर करता है तो एक एक लम्हा बड़ा भारी पड़ता है -वक़्त जैसे थम सा जाता है …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हर इंसान को बेनागा प्रतिदिन कुछ समय अपने आपके लिए निकालना चाहिए,यथा संभव एक्सरसाइज -ध्यान -जप -मनन करना चाहिए इससे आप में सकारात्मकता विकसित होगी …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की आप किसी कुत्ते को -घोड़े को -हाथी को -मछलियों को -कबूतरों को या अन्य किसी जीव को लम्बे समय तक निरंतर कुछ भी खिलाइये वो अपनी दुआओं में -फर्ज में आपको याद रखेगा वहीँ आप एक इंसान के साथ ठीक ऐसा ही कीजिये और कुछ समय के लिए रुक जाइये देखिये वो तुरंत अपना असली चरित्र -चेहरा आपके सामने रख देगा जो अविश्वसनीय होगा …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की यहाँ आप जितना डरोगे ये दुनिया उतना ही आपको डराएगी ,इसलिए अपने दिलो दिमाग मन पर कभी भी किसी गलत विचार -इंसान को हावी ना होने दें ,उस परमपिता को अपने आपको उसके हवाले करते हुए सौंप दें ,डर नदारद हो जायेगा …!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!?सुप्रभात?
?? विकास शर्मा “शिवाया”?
???
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