पूर्ण शरद का चंद्रमा, देख रहे सब लोग
पूर्ण शरद का चंद्रमा, देख रहे सब लोग
मीठी मीठी खीर का, लगा रहे हैं भोग
लगा रहे हैं भोग, दृश्य है बहुत मनोहर
सजा रहीं हैं रूप,कलाएं सोलह सुंदर
अज़ब ‘अर्चना’ खेल, हुआ है चाँद जलद का
मगर रहा है झाँक, चाँद भी पूर्ण शरद का
डॉ अर्चना गुप्ता