Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
#18 Trending Author
RAMESH SHARMA
103 Followers
Follow
Report this post
21 Jun 2024 · 1 min read
पूरा सभ्य समाज
पेड़ लगाया आज ही,फल भी चाहे आज।
इसी रोग से त्रस्त है, पूरा सभ्य समाज।।
रमेश शर्मा
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
Like
Share
1 Like
· 66 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
"सच"
Khajan Singh Nain
मानवता
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
मां
सतीश पाण्डेय
"मतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
मैंने उसे जुदा कर दिया
Jyoti Roshni
कविता हंसना
Akib Javed
" दिल की समझ "
Yogendra Chaturwedi
जीवन है
Dr fauzia Naseem shad
G
*प्रणय*
प्रतिभा
Rambali Mishra
कोशिश
विजय कुमार अग्रवाल
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
विदेह देस से ।
श्रीहर्ष आचार्य
सुना है सपनों की हाट लगी है , चलो कोई उम्मीद खरीदें,
Manju sagar
दोहे _ उलझे उलझे ।
Neelofar Khan
झुलसता जीवन
C S Santoshi
" नाराज़गी " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
इतना गुरुर न किया कर
Keshav kishor Kumar
मानवता
Shyam Sundar Subramanian
'चाह' लेना ही काफ़ी नहीं है चाहत पूरी करने को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आडम्बर के दौर में,
sushil sarna
सुकून
इंजी. संजय श्रीवास्तव
आकर्षण का नियम
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Not a Choice, But a Struggle
पूर्वार्थ
तिनको से बना घर
Uttirna Dhar
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
"मैं दिल हूं हिन्दुस्तान का, अपनी व्यथा सुनाने आया हूं।"
Avinash Tripathi
ताउम्र रास्ते पे तो चलते रहे हम
Befikr Lafz
अंगड़ाई
भरत कुमार सोलंकी
*बांहों की हिरासत का हकदार है समझा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...