पूरा सड़क है वीरान
पूरा सड़क है वीरान
फिर हम दोनों क्यों बने रहें अनजान…
तुम जो भाग रही हो इतना इतराकर
क्यों ना चले दोनों हाथों में हाथ मिलाकर…
पूरा सड़क है वीरान
फिर हम दोनों क्यों बने रहें अनजान…
तुम जो भाग रही हो इतना इतराकर
क्यों ना चले दोनों हाथों में हाथ मिलाकर…