पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
नगरवासियों ने खुश होकर, घर -घर घी के दीप जलाये
रहता था जो सूना सूना, वहाँ मची अब कितनी हलचल
जनता की आँखें तो नम हैं मगर खुशी का उनमें है जल
बहुत दिनों के बाद हर्ष के, चारों तरफ घने घन छाये
नगरवासियों ने खुश होकर,घर- घर घी के दीप जलाये
रुका- रुका सा था जनजीवन, घिरी उदासी सी रहती थी
धूप नहीं खिलती थी हँसकर, चुप -चुप सुस्त हवा बहती थी
आज प्रभू के आ जाने से, गगन- धरा ,कण – कण मुस्काये
नगरवासियों ने खुश होकर, घर – घर घी के दीप जलाये
बहुत दिनों के बाद नगर में उत्सव का ये दिन आया है
बना राम का सुन्दर मंदिर ,जन -जन के मन को भाया है
सबने आँगन में रंगोली, द्वारे बंदनवार सजाये
नगरवासियों ने खुश होकर, घर- घर घी के दीप जलाये
गूंजेंगे अब विश्रव पटल पर, राम नाम के प्यारे नारे
सिंहासन पर बैठेंगे प्रभु , जागेंगे फिर भाग्य हमारे
उनका दर्शन करने की अब, सब हैं दिल में आस लगाये
नगरवासियों ने खुश होकर, घर – घर घी के दीप जलाये
19.11.2023
डॉ अर्चना गुप्ता