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28 Jun 2024 · 1 min read

पूछ मत प्रेम की,क्या अजब रीत है ?

पूछ मत प्रेम की,क्या अजब रीत है ?
जेठ की धूप भी, पौष- सी शीत है ।
प्रेम की शर्त में, जीतना हार है –
हारना प्रेम में, प्रेम की जीत है ।

अशोक दीप

1 Like · 65 Views
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