पूछ मत प्रेम की,क्या अजब रीत है ?
पूछ मत प्रेम की,क्या अजब रीत है ?
जेठ की धूप भी, पौष- सी शीत है ।
प्रेम की शर्त में, जीतना हार है –
हारना प्रेम में, प्रेम की जीत है ।
अशोक दीप
पूछ मत प्रेम की,क्या अजब रीत है ?
जेठ की धूप भी, पौष- सी शीत है ।
प्रेम की शर्त में, जीतना हार है –
हारना प्रेम में, प्रेम की जीत है ।
अशोक दीप